नमस्कार! दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे CTET Full Form के बारे में सारी जानकारी। अगर आप CTET Full Form के बारे में नहीं जानते और इसका हिंदी में भी अर्थ जानना चाहते हैं।
तो हमारे इस आर्टिकल को पूरा अवश्य पढ़ें क्योंकि आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम इसके बारे में सारी जानकारी देने वाले हैं।
CTET Full Form In Hindi – सीटीइटी का फुल फॉर्म क्या होता है?
CTET का फुल फॉर्म सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (Central Teacher Eligibility Test) है और इसे हिंदी में केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा कहते हैं। यहां जानकारी दे दें कि यह एक ऐसी परीक्षा है जिसको वही टीचर देते हैं जो किसी सरकारी स्कूल में अध्यापक बनना चाहते हैं।
CTET क्या है ?
यह एक पात्रता परीक्षा है जो CBSE द्वारा आयोजित करवाई जाती है। बता दें कि इस परीक्षा में वह सभी उम्मीदवार भाग लेते हैं जो किसी सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के इच्छुक होते हैं।
यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस परीक्षा को पास करने के बाद ही कोई अध्यापक इस काबिल बन सकता है कि वह स्कूल में बच्चों का शिक्षण कर सके।
CTET परीक्षा कब लागू की गई ?
यहां जानकारी के लिए बता दें कि यह परीक्षा साल 2011 में शुरू की गई थी। ऐसा इसलिए किया गया था ताकि योग्य अध्यापकों को बच्चों को पढ़ाने और उनका भविष्य निर्माण करने का अवसर दिया जा सके।
इसलिए अब अगर कोई उम्मीदवार यह चाहता है कि वह किसी सरकारी स्कूल में टीचर बनकर बच्चों को शिक्षा दे तो उसे अपने इस सपने को पूरा करने के लिए CTET को पास करना होगा।
इस तरह इस टेस्ट के माध्यम से टीचर की योग्यता को परखा जाता है और यह जांचा जाता है कि कोई भी टीचर मानसिक और शारीरिक रूप से बच्चों को शिक्षा देने में कितना सक्षम है।
CTET का टेस्ट कब होता है ?
CTET का टेस्ट हर साल 2 बार सीबीएसई द्वारा लिया जाता है। यह परीक्षा एक बार फरवरी में होती है और दूसरी बार सितंबर के महीने में होती है। यहां यह भी बता दें कि इस परीक्षा को पास करने के लिए कैंडिडेट को 60% तक अंक लाना बहुत अनिवार्य होता है।
CTET परीक्षा में कितने पेपर होते हैं ?
इस परीक्षा में दो पेपर उम्मीदवार से लिए जाते हैं लेकिन यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जो उम्मीदवार पहला पेपर देते हैं और अगर वह उसमें पास जाते हैं तो वह कक्षा 1 से लेकर 5 तक के बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ा सकते हैं।
इसी प्रकार दूसरा पेपर उन उम्मीदवारों के लिए होता है जो कक्षा 6 से लेकर 8 तक के बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं। यहां आपको यह भी बता दें कि सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट में उम्मीदवार के लिए अनिवार्य है कि उसके पास परीक्षा में बैठने लायक आवश्यक योग्यता होनी चाहिए।
CTET और TET के बीच अंतर –
CTET और TET यानी शिक्षक पात्रता परीक्षा और शिक्षक पात्रता परीक्षा, दोनों ही शिक्षा क्षेत्र की एक प्रतिष्ठित परीक्षा है जो शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षक बनने के लिए उम्मीदवारों के लिए आवश्यक है। यहां दोनों परीक्षाओं के बीच कुछ मुख्य अंतर हैं:
परीक्षा के उद्देश्य:
- CTET (केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा) का उद्देश्य भारत सरकार द्वारा केंद्रीय स्तर पर आचार्य और प्राथमिक शिक्षकों के लिए पात्रता स्तर की जांच करना है।
- टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) का उद्देश्य राज्य स्तर पर शिक्षकों के लिए पात्रता स्तर की जांच करना है। इसका आयोजन राज्य सरकार द्वारा किया जाता है।
परीक्षा की विधि:
CTET केंद्र सरकार द्वारा आयोजित किया जाता है और पूरे भारत में लागू होता है।
- टीईटी विभिन्न राज्यों में राज्य सरकारों द्वारा आयोजित की जाती है और इसकी अपनी विशिष्ट परीक्षा प्रणाली होती है।
पात्रता स्तर:
- सीटीईटी के दो पात्रता स्तर हैं – प्राथमिक स्तर और उच्च प्राथमिक स्तर।
- टीईटी में आम तौर पर दो पात्रता स्तर होते हैं – प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर के लिए।
पेपर पैटर्न और विषय:
CTET में प्राथमिक स्तर और उच्च प्राथमिक स्तर के लिए अलग-अलग पेपर होते हैं, जो अलग-अलग विषयों पर आधारित होते हैं।
- टीईटी में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर के लिए भी अलग-अलग पेपर होते हैं, जो अलग-अलग राज्यों के विषयों पर आधारित होते हैं।
पहचान:
CTET केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है और केंद्रीय स्तर के सरकारी स्कूलों और केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए यह आवश्यक है।
- टीईटी राज्य सरकारों द्वारा मान्यता प्राप्त है और विभिन्न राज्यों में सरकारी और निजी संगठनों में शिक्षक बनने के लिए आवश्यक है।
निष्कर्ष
दोस्तों यह था हमारा आज का आर्टिकल जिसमें हमने आपको CTET Full Form के बारे में जानकारी दी और हमने आपको इससे संबंधित अन्य दूसरी जानकारियां भी बताई।
हमें पूरी उम्मीद है कि हमारा यह आर्टिकल आपके लिए बहुत अधिक लाभदायक रहा होगा इसलिए हमारा आपसे यह निवेदन है कि आप इस आर्टिकल को सोशल मीडिया पर भी शेयर अवश्य करें ताकि यह जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सके।