नमस्कार! दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि FEMA Full Form क्या है और इसको हिंदी में क्या कहते हैं?
अगर आप भी इस शब्द का पूरा नाम जानना चाहते हैं तो हमारा यह पोस्ट आपके लिए काफी उपयोगी रहेगा क्योंकि आज के इस लेख में हम आपको इससे जुड़ी हुई सारी जानकारी बताएंगे। इसलिए आपसे हमारी रिक्वेस्ट है कि इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
FEMA Full Form In Hindi – फेमा का फुल फॉर्म क्या है ?
फेमा का फुल फॉर्म है – फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (Foreign Exchange Management Act) और इसको हिंदी में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम कहते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि यह विदेशी मुद्रा के लेनदेन से संबंधित एक्ट है।
FEMA किसे कहते हैं?
बता दें कि FEMA एक विदेशी मुद्रा अधिनियम एक्ट है जो फॉरेन एक्सचेंज से जुड़े सभी मुद्रा से संबंधित कार्यों को देखता है। बता दें कि जब हम विदेशों में बिजनेस करते हैं।
किसी वस्तु का आयात निर्यात करते हैं तो उसमें पैसे का लेनदेन किया जाता है और उसी को फेमा मैनेज करता है। साथ ही यह भी जान लीजिए कि फेमा का मुख्य उद्देश्य विदेशी मुद्रा से संबंध रखने वाले सभी कानूनों को संशोधित करने के साथ-साथ एकीकरण करने का भी होता है।
FEMA कब लागू गया था ?
साल 1994 में FEMA को संसद में पारित करके लागू किया गया था और तब से ही यह एक्ट भारत में सभी विदेशी मुद्राओं से जुड़े हुए वित्तीय मामले देखता है। विदेशों से व्यापार करने के मामले में FEMA का काफी अधिक महत्व है।
FEMA की मुख्य विशेषताएं –
- सभी एटीएम कार्ड, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड फेमा के अंतर्गत आते हैं।
- इसने विदेशी मुद्रा का लेनदेन करने के लिए दो श्रेणी बनाई है जिसके नाम पूंजी खाता लेनदेन और चालू खाता लेनदेन हैं।
- फेमा आरबीआई से पूर्व अनुमति लिए बिना आपको फॉरेन करेंसी को बेचने की आज्ञा देता है और आरबीआई को आप फिर बाद में सूचना दे सकते हैं
- यह सरकार और आरबीआई की अनुमति से कुछ क्षेत्रों में ऋण भी देता है।
FERA की तुलना में FEMA में लाया गया मुख्य परिवर्तन क्या है?
FERA (विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम) और FEMA (विदेशी मुद्रा कानून) के बीच मुख्य परिवर्तन यह है कि FEMA ने विदेशी निवेश को प्रोत्साहित किया और देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया।
FEMA में नियम और प्रक्रियाओं को सुधारा गया है ताकि विदेशी निवेशकों और व्यापारिक गतिविधियों को आसानी से बढ़ावा मिले। FEMA ने वैश्विक व्यापार में भारत को आगे बढ़ने का मौका दिया और निवेशक-मित्रिपूर्ण प्रक्रियाओं को स्थापित किया।
फेमा के तहत चालू खाता लेनदेन –
फेमा (विदेशी मुद्रा कानून) के तहत चालू खाता लेनदेन निम्नलिखित रूप से होता है:
नियमित लेन-देन: फेमा के तहत, व्यक्तिगत और व्यापारिक वित्तीय लेन-देन के लिए विशेष बैंक खातों का उपयोग किया जाता है। यह खाते विदेशी मुद्रा में होते हैं और उन्हें नियमित रूप से लेन-देन के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
विदेशी मुद्रा में लेन-देन: फेमा के अनुसार, व्यापारिक वित्तीय लेन-देन विदेशी मुद्रा में किए जाते हैं, जैसे विदेशी मुद्रा में लेना, विदेशी मुद्रा में जमा करना, विदेशी मुद्रा में भुगतान करना, और विदेशी मुद्रा में प्राप्तियाँ करना।
विदेशी मुद्रा में लोन: फेमा के तहत, विदेशी मुद्रा में लोन लेना और देना भी संबंधित है। यह व्यापारिक आधारित लेन-देन में शामिल होता है जो विदेशी मुद्रा के माध्यम से किया जाता है।
इन विभिन्न वित्तीय लेन-देन गतिविधियों के लिए फेमा ने विशेष नियम और विधियाँ तय की हैं जो विदेशी मुद्रा के सही व्यवहार को सुनिश्चित करती हैं।
निष्कर्ष
दोस्तों यह था हमारा आज का आर्टिकल जिसमें हमने आपको बताया FEMA Full Form के बारे में और साथ ही इससे हमने दूसरी जुडी हुई महत्वपूर्ण जानकारी भी आपको बताई।
हमें पूरी उम्मीद है कि हमारा यह लेख आपको काफी अच्छा लगा होगा और आपके लिए यह बहुत उपयोगी भी रहा होगा। इसलिए इस आर्टिकल को सोशल मीडिया पर शेयर करें ताकि अगर आपकी तरह कोई और भी फेमा का फुल फॉर्म जानना चाहता है तो उसे सारी सही जानकारी मिल जाए।